नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने की शरतें

जनाज़े की नमाज़ के सहीह होने के लिए दो क़िसम की शरतें हैः (१) नमाज़ से मुतअल्लिक़ शरतें और (२) मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतैं.

नमाज़ से मुतअल्लिक़ शराईतः

जनाज़े की नमाज़ की सिहत के लिए बिअयनिही वह शरतें हैं, जो आम नमाज़ों की सिहत के लिए ज़रूरी हैं यअनीः

(१) जनाज़े की नमाज़ अदा करने वाला बावुज़ू हो.

(२) मुसल्ली के वह तमाम आज़ा छुपे हुए हों, जिन को नमाज़ की सिहत के लिए छुपाना ज़रूरी है.

(३) क़िब्ला रूख़ हो कर नमाज़ पढे.

(४) मुसल्ली का बदन, कपड़ा और नमाज़ की जगह पाक हो.

(५) मुसल्ली जनाज़े की नमाज़ अदा करने की निय्यत करे.[१]

Source: http://ihyaauddeen.co.za/?p=1773


[१] و أما الشروط التي ترجع إلى المصلي فهي شروط بقية الصلوات من الطهارة الحقيقة بدنا و ثوبا و مكانا والحكمية وستر العورة والاستقبال والنية سوى الوقت (رد المحتار ۲/۲٠۷)

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