हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम से मुहब्बत करने वाले पर फक्र की दौड़
एक सहाबी हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुए और अर्ज़ किया कि या रसूलुल्लाह! मुझे आपसे मुहब्बत है। हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फरमाया, देख क्या कहता है।
उन्होंने फिर यही अर्ज़ किया कि मुझे आपसे मुहब्बत है। हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फिर यही इर्शाद फ़रमाया।
जब तीन बार यह सवाल व जवाब हुआ तो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फ़रमाया कि अच्छा, अगर तुम अपनी बात में सच्चे हो तो फ़क्र के ओढ़ने-बिछौने के लिए तैयार हो जाओ, इसलिये कि मुझ से मुहब्बत रखने वालों की तरफ़ फ़क्र ऐसे ज़ोर से दौड़ता है जैसा कि पानी की रव निचान की तरफ़ दौड़ती है।
फायदा = वजह है कि हज़रात सहाबा किराम रद़ियल्लाहु अन्हुम तो अक्सर फ़क्र व फ़ाक़े में रहे ही। अक्राबिर मुहद्दिसीन, अकाबिर सूफ़िया, अकाबिर फुकहा भी तवंगरी में ज़्यादा नहीं रहे।