ذات مرة، صعد رسول الله صلى الله عليه وسلم جبل حراء فتحرك (الجبل ورجف)، فقال رسول الله صلى الله عليه وسلم: اثبت حراء، فما عليك إلا نبي، أو صديق، أو شهيد وعدهم رسول الله صلى الله عليه وسلم: أبو بكر، وعمر، وعثمان، وعلي، وطلحة، والزبير، وسعد، وابن عوف، وسعيد بن زيد (سنن ابن ماجه، الرقم: ١٣٤)
एक मौके पर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम कोहे-ह़िरा पर चढ़े तो पहाड़ (खुशी से) हिलने लगा।
रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने पहाड़ को मुखातिब करके फरमाया:
“ऐ ह़िरा! पुरसुकून हो जा; क्यूँकि तेरे उपर नबी, सिद्दीक़ या शहीद के इलावा कोई और नहीं है। फिर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फरमाया: (तुझपर) अबू-बक्र, उमर, उस्मान, अली, तल्हा, ज़ुबैर, सा’द,(अब्दुर्रहमान) इब्ने-औफ, और सईद बिन ज़ैद हैं।”