ज़कात कि फ़र्ज़िय्यत

सवाल – ज़कात किस पर फ़र्ज है?

जवाब – ज़कात हर उस आक़िल, बालिग़, आज़ाद मुसलमान पर फ़र्ज है, जिस के पास निसाब के बक़दर (निर्धारित सरमाया) ज़कात का माल हो और उस माल पर पूरा एक साल गुज़र जाए. एक साल के बाद वह उस माल का ढ़ाई फ़ीसद निकाल कर मुसलमान फ़ुक़रा को ख़ैरात में देगा.

नोट – एक साल से क़मरी(इस्लामी) साल मुराद है और निसाब से मुराद ज़कात का निसाब हैं.

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.


وشرط افتراضها عقل وبلوغ وإسلام وحرية … وسببه أي سبب افتراضها ملك نصاب حولى نسبة للحول لحولانه عليه

قال العلامة ابن عابدين – رحمه الله -: (قوله نسبة للحول) أي الحول القمري لا الشمس اهـ (رد المحتار ۲/۲۵۹)

وشرط وجوبها العقل والبلوغ والإسلام والحرية وملك نصاب حولي فارغ عن الدين وحاجته الأصلية نام ولو تقديرا (كنز الدقائق صـ ۲٠۳)

الزكاة واجبة على الحر العاقل البالغ المسلم إذا ملك نصابا ملكا تاما وحال عليه الحول (الهداية ۱/۹۵)

दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन

इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका

Source: http://muftionline.co.za/node/27

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