(१) मय्यित(मर्द) का चेहरा देखना सिर्फ महरम औरत के लिए जाईज है, दुसरी औरतों के लिए जाईज नहीं है.
(२) इसी तरह मय्यिता(औरत) का चेहरा देखना सिर्फ महरम मर्द के लिए जाईज है, दुसरे मर्दो के लिए जाईज नहीं है.
(३) ज़िंदा और मुरदा आदमी दोनों की फ़ोटो खिंचना ममनूअ है, लिहाज़ा जो बाज लोग करते हैं के वह तदफ़ीन से पेहले मुरदे की फ़ोटो खिंचते हैं यह हराम है. हदिष शरीफ़ में फ़ोटो खिंचनेवालों के बारे में निहायत सख़्त वईद वारिद हुई है. रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का इरशाद हैः
إنّ أشد الناس عذاباً يوم القيامة المصورون
यक़ीनन फ़ोटो बनाननेवालों को क़यामत के दिन सख़्त तरीन अज़ाब दिया जाएगा.
नोटः- महरम लोगों से मुराद वह लोग हैं जिन के साथ हमेंशा के लिए निकाह जाईज नहीं है. जैसे, मां, बहन, बैटी, खाला, फुफी वगैरह…