रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया:
स’अद जन्नत में होंगे (वो उन लोगों में से हैं जिनको इस दुनिया में जन्नत की बशारत दी गई है।)
इस्लाम कबूल करने से पहले हजरत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु का ख्वाब
हज़रत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु फ़रमाते हैं:
इस्लाम कबूल करने से पहले मैंने एक ख्वाब देखा, जिसमें मैंने देखा कि मैं बिल्कुल अंधेरे में था और मुझे कुछ भी नहीं आ रहा था. अचानक एक चाँद ज़ाहिर हुआ, जो रात को रोशन करने लगा, फिर मैंने रोशनी का पीछा किया; यहां तक कि मैं चांद तक पहुंच गया.
मैंने ख्वाब में कुछ ऐसे लोगों को देखा जो मुझसे पहले चाँद पर पहुँच गये थे। मैंने ज़ैद बिन हारिषा, ‘अली बिन अबी तालिब और अबू बक्र रदि अल्लाहु ‘अन्हुम को चांद के पास देखा।
मैंने उनसे पूछा, आप यहां (चांद पर) कब पहुंचे?
उन्होंने जवाब दिया कि हम अभी-अभी यहां पहुंचे हैं.
जब मैं ख्वाब से बेदार हुआ (जागा), तो मुझे बताया गया कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम नुबुव्वत का दावा कर रहे हैं और खुफिया तौर पर इस्लाम की ओर बुला रहे हैं; चुनांचे मैं आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास गया और मक्का मुकर्रमा की घाटियों में आपसे मुलाकात की।
जब मैं वहां पहुंचा तो मैंने देखा कि आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अभी कुछ नमाज़ें पढ़ी थी, फिर मैंने आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ पर इस्लाम कबूल कर लिया.
इन सहाबा ए किराम (ज़ैद बिन हारिषा, अली बिन अबी तालिब और अबू बक्र रदि अल्लाहु ‘अन्हुम) के अलावा मुझसे पहले किसी ने इस्लाम कबूल नहीं किया।
नोट:
(१) हज़रत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु के ख्वाब में अंधेरे से मुराद कुफ्र का अंधेरा है। चांद और उसकी रोशनी से मुराद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम हैं, जिन्हें इस्लाम की रोशनी के साथ भेजा गया था; ताकि आप दुनिया से कुफ़्र का अँधेरा दूर करें।
(२) इस रिवायत में, हज़रत साद रदि अल्लाहु ‘अन्हु ने बयान किया कि उनके इस्लाम लाने से पहले, हज़रत ज़ैद बिन हारिषा, हज़रत अली बिन अबी तालिब और हज़रत अबू बक्र रदि अल्लाहु ‘अन्हुम ने इस्लाम कबूल किया। इन तीन सहाबा के अलावा किसी और ने इस्लाम कबूल नहीं किया।
मालूम हो कि हज़रत स’अद रदि अल्लाहु ‘अन्हु की यह बात उनके इल्म के मुताबिक़ थीं; वरना, दूसरी रिवायतों से साबित है कि उनसे पहले चन्द और सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु ‘अन्हुम ने इस्लाम अपनाया था।