फज़ाइले-सदकात – २६ 5 days ago तालिम, फज़ाइले सदकात 0 ईसार का अजीब वाकिआ वाक़िदी रह़िमहुल्लाह कहते हैं कि मेरे दो दोस्त थे, एक हाशमी और एक गैर हाशमी, हम तीनों में ऐसे गहरे ताल्लुक़ात थे कि एक जान, तीन कालिब थे। मेरे ऊपर सख़्त तंगी थी, ईद का दिन आ गया, बीवी ने कहा कि हम तो हर हाल … और पढ़ो »