अब्दुल्लाह बिन आमिर बिन कुरेज़ रज़ियल्लाहु अन्हु हज़रत उस्मान रजि. के चचाज़ाद भाई, एक मर्तबा (ग़ालिबन रात का वक़्त होगा) मस्जिद से बाहर आये,अपने मकान तन्हा जा रहे थे। रास्ते में एक नौजवान लड़का नज़र पड़ा, वह उनके साथ हो लिया। उन्होंने फरमाया कि तुम्हें कुछ कहना है? उसने अर्ज़ …
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