‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात सातवीं अलामत सातवीं अलामत उलमा-ए-आख़िरत की यह है कि उसको बातिनी इल्म यानी सुलूक का एहतिमाम बहुत ज़्यादा हो। अपनी इस्लाहे-बातिन और इस्लाहे-कल्ब में बहुत ज्यादा कोशिश करने वाला हो कि यह उलूमे-ज़ाहिरिया में भी तरक्की का ज़रिया है। (इस्लाहे-बातिन= बिगड़ी हुई मन की अंदरूनी हालत …
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