‘उलमा-ए-आख़िरत की बारह अलामात दूसरी अलामत दूसरी अलामत यह है कि उसके कौल व फेल (कहने और करने) में तआरूज़ (इख़्तिलाफ) न हो, दूसरों को खैर का हुक्म करे और खुद उस पर अमल न करे। हक तआला शानुहू का इर्शाद है:- أَتَأْمُرُونَ النَّاسَ بِالْبِرِّ وَتَنسَوْنَ أَنفُسَكُمْ وَأَنتُمْ تَتْلُونَ الْكِتَابَ …
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