दीन की खातिर सख़्तियों का बर्दाश्त करना और तकालीफ और मशक्कत का झेलना हुजूरे अक्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और सहाबा किराम रजि० ने दीन के फैलाने में जिस कदर तक्लीफें और मशक्कतें बर्दाश्त की हैं, उन का बर्दाश्त करना तो दरकिनार, उसका इरादा करना भी हम जैसे नालायकों से …
और पढ़ो »Daily Archives: July 7, 2024
मासिक धर्म के दौरान तवाफ़ ज़ियारत करना
सवाल – एक औरत हैज़ वाली है और उसे तवाफ़-ए-ज़ियारत करना है। लेकिन वो वापसी की तारीख के बाद ही हैज़ से पाक होगी, जबकि उसकी फ्लाइट बुक है, तो क्या उसके लिए गुंजाइश है कि वो हैज़ की हालत में तवाफ़-ए-ज़ियारत कर ले और दम अदा कर दे? जवाब …
और पढ़ो »तवाफ़-ए-ज़ियारत को क़ुर्बानी के दिनों के बाद तक अनावश्यक रूप से स्थगित करना
सवाल – अगर हाजी ने शर’ई उज़्र के बिना कुर्बानी के दिनों के बाद तक तवाफ़-ए-ज़ियारत को टाल दे तो शरीयत में उस का क्या हुक्म है? जवाब – तवाफ़-ए-ज़ियारत को बिना शर’ई उज़्र के कुर्बानी के दिनों के बाद तक टालना जायज़ नहीं है। अगर किसीने इतनी देरी कर …
और पढ़ो »ज़ियारत या उमरा का तवाफ़ बिना वज़ू किए करना
सवाल – अगर कोई शख्स बिना वुज़ू के तवाफ़-ए-ज़ियारत या उमरा का तवाफ करे, तो शरीयत में उस का क्या हुक्म है? जवाब – उस पर एक दम वाजिब होगा; लेकिन, अगर वह वुज़ू करके उस तवाफ को फिरसे कर ले, जो वुज़ू के बगैर किया था, तो उस से …
और पढ़ो »तवाफ़ के दौरान वुज़ू तोड़ना
सवाल – अगर तवाफ़ के दौरान किसी शख्स का वुज़ू टूट जाए तो उसे क्या करना चाहिए? जवाब – अगर तवाफ़ के दौरान किसी शख्स का वुज़ू टूट जाए, तो उसे चाहिए कि फौरन दोबारा वुज़ू करे और फिर से तवाफ़ शुरू करे। अगर वह चाहे तो वो उस जगह …
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