नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जहन्नम की आग उस मुसलमान को नहीं छूएगी जिस ने मुझे देखा (सहाबी) और न वह उस मुसलमान को (ताबिई) छूएगी जिस ने उन लोगों को देखा जिन्होंने मुझे देखा (सहाबी).” (सुनने तिर्मिज़ी, अर रक़म नं-३८५८) हज़रत तल्हा (रज़ि.) उहद की …
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