शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “क़र्ज़ की अदायगी वक़्त पर होना बहोत ज़रूरी और मुफ़ीद है. चुनांचे शुरू शरू में मुझ को अहबाब से क़र्ज़ क़ुयूद तथा शराइत के साथ मिला करता था, जब सब को इस बात का तजरबा हो गया के …
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