मुसलमानों के धार्मिक पतन पर सहानुभूति और चिंता व्यक्त करते हुए November 29, 2021 मलफ़ूज़ात 0 दुनिया के नुक़सान को नुक़सान समझा जाता है लेकिन दीन के नुक़सान को नुक़सान नहीं समझा जाता, फिर हम पर आसमान वाला क्युं रहम करे, जब हमें मुसलमानों की दीनी हालत के अबतर होने पर रहम नहीं... और पढ़ो »