जुम्आ के दिन असर की नमाज़ के बाद अपनी जगह से उठने से पेहले अस्सी (८०) मर्तबा नीचे लीखा हुवा दुरूद पढ़ता है उस के अस्सी (८०) साल के गुनाह माफ़ कर दिये जाते हैं और उस को अस्सी (८०) साल की इबादतों का षवाब मिलता हैः اَللّٰهُمَّ صَلِّ عَلٰى مُحَمَّدٍ النَّبِيِّ الْأُمِّيِّ وَعَلٰى آلِهِ وَسَلِّمْ تَسْلِيْمًا “ए अल्लाह ! उम्मी नबी मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) और उन की आलो औलाद पर ख़ूब ख़ूब दुरूदो सलाम भेज.”۔۔۔
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