शरीअत ने मियां-बीवी में से हर एक को अलग अलग जिम्मेदारियां दी है, शरीअत ने दोनों को अलग ज़िम्मेदारियों का मुकल्लफ़ इस वजह से बनाया, क्युंकि मर्द और औरत मिज़ाज और स्वभाव के एतेबार से अलग अलग हैं, लिहाज़ा दोनों का आधिकारिक कर्तव्य एक नही हो सकता है...
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