Monthly Archives: March 2020

अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-५)

मुअज़्ज़िन के फ़ज़ाईल(श्रेष्ठता) सहाबए किराम(रज़ि.) आरज़ू करते थे के वह ख़ुद अज़ान दें और उन के बच्चे भी अज़ान दें. عن علي رضي الله عنه قال: ندمت أن لا أكون طلبت إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم فيجعل الحسن والحسين مؤذنين (مجمع الزوائد رقم ۱۸۳٦)[१] हज़रत अली(रज़ि.) ने फ़रमाया …

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नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने के लिए मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतें

दूसरी क़िसम की शरतें वह हैं जो मय्यित से मुतअल्लिक़ हैं. ऐसी शरतें छ(६) हैं जो निम्नलिखित हैः [1] (१) मय्यित मुसलमान हो. अगर मय्यित काफ़िर या मुरतद हो, तो उस की जनाज़े की नमाज़ अदा नहीं की जाएगी और मुसलमान अगर चे फ़ासिक़ व फ़ाजिर या बिदअती हो, फिर …

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क़र्ज़ माफ़ करने से ज़कात का हुकम

सवाल – अगर क़र्ज़ ख़्वाह (उधार देने वाला) क़र्ज़ दार (उधार लेने वाले) को क़र्ज़ और दैन(वह उधार जो बेचे गए सामान के बदले हो) माफ़ कर दे और माफ़ करते वक्त उसने ज़कात अदा कर ने की निय्यत की,तो क्या महज़ क़र्ज़ और दैन (वह उधार जो बेचे गए …

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-२)

अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब अज़ान दीने इस्लाम का एक अज़ीम और नुमायां शिआर है. इस्लाम में अज़ान देने वालों को इन्तिहाई ऊंचा और आला स्थान अता किया गया है. क़यामत के दिन जब लोग मुअज़्ज़िनीन के ऊंचे स्थान और मरतबे को देखेंगे, तो रश्क(ईर्ष्या) करेंगे. कई अहादिष …

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-३)

  • सारी मख़लूक़(मानवजाती)(इन्सान हो या जिन्नता या कोई और मख़लूक़) जो मुअज़्ज़िन की आवाज़ सुनती है, क़यामत के दिन उस के लिए गवाही देगी.
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    नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने की शरतें

    जनाज़े की नमाज़ के सहीह होने के लिए दो क़िसम की शरतें हैः (१) नमाज़ से मुतअल्लिक़ शरतें और (२) मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतैं. नमाज़ से मुतअल्लिक़ शराईतः जनाज़े की नमाज़ की सिहत के लिए बिअयनिही वह शरतें हैं, जो आम नमाज़ों की सिहत के लिए ज़रूरी हैं यअनीः (१) …

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    किराऐ पर ज़कात

    सवाल – क्या किराए की रक़म पर ज़कात फ़र्ज़ है यानी अगर किराए दार ने किराए की रक़म मकान के मालिक को अदा नहीं की है तो क्या मकान के मालिक पर किराए की रक़म की ज़कात फ़र्ज़ होगी और अगर कई सालों के बाद किरायादार किराया अदा करे तो …

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