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क़यामत की निशानियां – क़िस्त ५

दज्जाल के बारे में अहले सुन्नत वल-जमआत का ‘अकीदा दज्जाल की जाहिर होने और उसकी फितनो का जिक्र ‘अकाईद की किताबों में आया है। ‘उलमा ए ‘अकाईद इस बात पर सहमत हैं कि दज्जाल जाहिर होने पर ईमान रखना अहले सुन्नत वल-जमात की ‘अकीदों का हिस्सा है। वो हदीसें जिनमें …

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इत्तेबाए सुन्नत का एहतेमाम – ६

हजरत मुफ़्ती महमूद हसन गंगोही रहिमहुल्लाह हज़रत मुफ़्ती महमूद हसन गंगोही रहिमहुल्लाह हमारे बुजुर्गाने किराम और बड़े लोगों में से थे, जिनका ज़माना हमसे ज़्यादा दूर नहीं है। उनकी पैदाइश 1325 हिजरी में हुई और वह हज़रत शेखु-ल-ह़दीस मौलाना मुह़म्मद ज़कारिया कांधलवी रहिमहुल्लाह के अजल्ले-खुलफा में से थे। वो कई …

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मैय्यत की क़ब्र

(१) मैय्यत को घर में दफन न किया जाए, चाहे वह नाबालिग हो या बालिग, नेक हो या बुरा। घर के अंदर दफ़न होना नबियों की ख़ुसूसियत (विशेषता) है। (२) क़ब्र को चौकोर बनाना मकरूह है. क़ब्र को ऊँट के कोहान की तरह थोड़ा-सा ऊँचा करना मुस्तह़ब और पसंदीदा है। …

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हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु का बुलंद-तरीन मक़ाम

नबी ए करीम सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने हज़रत ‘अली रदि अल्लाहु ‘अन्हु से फ़रमाया: أنت مني وأنا منك (أي في النسب والمحبة) (صحيح البخاري، الرقم: ٢٦٩٩) तुम मुझसे हो और मैं तुमसे हूं (यानी हम दोनों एक ही नसब से हैं और हमारी मोहब्बत का त’अल्लुक़ बहुत मज़बूत है)। …

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लोगों को नसीहत करते वक्त उनको शर्मिंदा करने से बचना

जो शख्स ऐसे लोगों को सलाह देता है जो दीन से दूर हैं और उनके पास दीन की सही समझ नहीं है, तो उसके लिए ज़रूरी है कि वह उनके साथ नरमी से बात करे। नरमी से बात करने के साथ साथ उसको चाहिए कि वो किसी भी तरीके से …

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