रोज़े की हालत में फ़ोहश तस्वीर या वीडियो देखने या मात्र तसव्वुर की वजह से स्खलन(इन्ज़ाल)

सवाल – अगर कोई व्यक्ति रोज़े की हालत में फ़ोहश तस्वीर या वीडियो देखने या मात्र तसव्वुर की वजह से स्खलन(इन्ज़ाल) हो जाए, तो क्या उस का रोज़ा फ़ासिद हो जाएगा?

जवाब – रोज़े की हालत में जिस तरह जिमाअ हराम है इसी तरह जिमाअ के संबंधित तसव्वुर करना भी ना जाईज़ है. जहां तक रोज़े की हालत में फ़ोहश तस्वीर और वीडियो देखने की बात है, तो यह शरीअत में बिलकुल हराम है. इस प्रकार के कबीरा गुनाहों से रोज़े का षवाब पूरे तौर ज़ाईअ हो जाता है. अलबत्ता अगर रोज़े की हातल में फ़ोहश तस्वीर या वीडियो देखने या मात्र तसव्वुर की वजह से किसी इन्सान को स्खलन(इन्ज़ाल) हो जाए, तो उस का रोज़ा फ़ासिद नही होगा.

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.

(أو احتلم أو أنزل بنظر) ولو إلى فرجها مرارا أو بفكر إن طال (در المختار ج۲ ص۳۹٦)

وإذا نظر إلى امرأة بشهوة في وجهها أو فرجها كرر النظر أو لا لايفطر إذا أنزل كذا في فتح القدير كذا لايفطر بالفكر إذا إمنى هكذا في السراج الوهاج (الفتاوى الهندية ج۱ ص۲٠٤)

(أو أنزل بنظر) إلى فرج امرأته لم يفسد (أو فكر وإن أدام النظر والفكر) حتى أنزل لأنه لم يوجد منه صورة الجماع وهو الإنزال عن مباشرة (مراقي الفلاح ص٦۵۸)

दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन

इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका

Source: http://muftionline.co.za/node/23

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