शव्वाल के रोज़े की फ़ज़ीलत

सवाल – शव्वाल के छ रोज़े की फ़ज़ीलत वाली हदीष की क्या हैषियत है? क्या यह हदीष अमल के क़ाबिल है या नहीं? तथा हदीष के अलफ़ाज़ क्या हैं. बराए महेरबानी बता दिजीए.

जवाब – यह हदीष मुस्लिम शरीफ़, तिरमिज़ी शरीफ़ और अबु दावूद शरीफ़ मे है. लिहाज़ा यह हदीष अमल के क़ाबिल है.

हदीष के अलफ़ाज़ यह हैंः

عن أبي أيوب الأنصاري أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال : من صام رمضان ثم أتبعه ستا من شوال ‏كان كصيام الدهر. (مسلم رقم ۱۱٦٤)

हज़रत अबु अय्युब अंसारी(रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने फ़रमाया के जिस ने रमज़ान के रोज़े रखे फिर शव्वाल के छ (६) रोज़े रखे, तो उस को पूरे साल रोज़े रखने का षवाब मिलेगा.

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.

दारूल इफ़्ता, मद्रसा तालीमुद्दीन

इसिपिंगो बीच, दरबन, दक्षिण अफ्रीका

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