Monthly Archives: November 2022

मुसलमान के जीवन का असल उद्देश्य

हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “वक़्त चवलती हुई एक रेल है, घंटे, मिनट और लमहे गोया उस के ड़िब्बे हैं और हमारे मशाग़िल (कामकाज) उस में बैठने वाली सवारियां हैं. अब हमारे दुनयवी और माद्दी (भौतिक) ज़लील मशाग़िल (कामकाज) ने हमारी ज़िन्दगी की रेल के …

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अन्सार के लिए रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ‎ख़ुसूसी दुआ

اللهم اغفر للأنصار، ولأبناء الأنصار، وأبناء أبناء الأنصار (صحيح مسلم، الرقم: ۲۵٠٦) रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अन्सार के लिए ख़ुसूसी दुआ फ़रमाई “ए अल्लाह, अन्सार की मग़फिरत फ़रमा, अन्सार की मग़फ़िरत फ़रमा, अन्सार की औलाद की मग़फ़िरत फ़रमा और अन्सार की औलाद की औलाद की मग़फ़िरत फ़रमा.” (सहीह …

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अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण ४

अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर का फ़रीज़ा किस की ज़िम्मेदारी है? अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर दीन का एक अहम फ़रीज़ा है. यह फ़रीज़ा उम्मत के हर फ़र्द की ज़िम्मे पर है, अलबत्ता हर फ़र्द इस फ़रीज़े को अपने इल्म और सहनशिलता के अनुसार अन्जाम देगा. …

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सुरए नसर की तफ़सीर

(ए मोहम्मद सल्लल्लाहु अलयहि वसललम) जब अल्लाह की मदद और फतह (फ़तहे मक्का) आ जाए (१) और आप लोगों को देख लें के वज जोक़ दर जोक़ अल्लाह के दीन में दाख़िल हो रहे हैं (२) तो आप अपने परवरदिगार की तस्बीह तथा तहमीद किजीए और उस से मग़फ़िरत तलब किजीए. बेशक वह बहोत माफ़ करने वाला है (३)...

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उम्मत में सब से बेहतरीन लोग

हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाय के “मेरी उम्मत में सब से बेहतरीन लोग मेरे ज़माने के लोग हैं (सहाबए किराम रज़ि.) फिर वह लोग जो उन के बाद हैं (ताबिईन इज़ाम रह.) फिर वह लोग जो उन के बाद हैं (तबे ताबिईन रह.).” (सहीहल बुख़ारी, रक़म नं-३६५०) …

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दूसरों के सुधार की चिंता से ज्यादा महत्वपूर्ण आत्म-सुधार की चिंता है

हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः ‎“बड़ी ज़रूरत इस की है के हर व्यक्ति अपनी फ़िकर में लगे और अपने आमाल की इस्लाह करे. आज कल यह मरज़ आाम हो गया है अवाम में भी ख़वास में भी के दूसरों की तो इस्लाह की फ़िकर …

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इत्तेबाए सुन्नत का प्रबंध – ४

  जुमहूर उम्मत के रास्ते पर चलना और शाज़ अक़वाल से बचवु नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इस बात की भविष्य वाणी फ़रमाई है के एक एसा ज़माना आएगा, जब लोग फ़ितनों और आज़माईशों में मुबतला होंगे. नीज़ उस ज़माने में बहोत से लोग किताबो सुन्नत के ख़िलाफ़ नई …

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हुदैबियह में शरीक सहाबए किराम (रज़ि.) का उच्च स्थान

क़ुर्आने मजीद में हैः لَّقَدْ رَضِيَ اللَّهُ عَنِ الْمُؤْمِنِينَ إِذْ يُبَايِعُونَكَ تَحْتَ الشَّجَرَةِ فَعَلِمَ مَا فِي قُلُوبِهِمْ فَأَنزَلَ السَّكِينَةَ عَلَيْهِمْ وَأَثَابَهُمْ فَتْحًا ‏قَرِيبًا ‏‎‏﴿١٨﴾‏ “बेशक अल्लाह तआला उन मोमिनों से बहोत ख़ुश हुए, जब वह आप से बयअत कर रहे थे दरख़्त के नीचे और उन के दिलों में जो …

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सहाबए किराम (रज़ि.) ने किस तरह से अल्ललाह तआला की मदद हासिल की

शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “कभी न सोचो दुनिया क्या तरक़्क़ी कर रही है, तरक़्क़ी हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के इत्तिबाअ में है, सहाबए किराम (रज़ि.) अपने नेज़ों को बादशाहों की क़ालीनों पर मारते थे के तुम्हारी चीज़ों की हमारे दिल में ज़र्रा …

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दोज़ख़ की आग से सहाबए किराम (रज़ि.) की हिफ़ाज़त

नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जहन्नम की आग उस मुसलमान को नहीं छूएगी जिस ने मुझे देखा (सहाबी) और न वह उस मुसलमान को (ताबिई) छूएगी जिस ने उन लोगों को देखा जिन्होंने मुझे देखा (सहाबी).” (सुनने तिर्मिज़ी, अर रक़म नं-३८५८) हज़रत तल्हा (रज़ि.) उहद की …

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