सवाल – एक व्यक्ति ने कोई सामान बेचने की निय्यत से ख़रीदा फिर उस ने बेचने का इरादा छोड़ दिया. कुछ दिनो के बाद फिर उस ने उस सामान को बेचने का इरादा किया, तो क्या दोबारा बेचने की निय्यत से उस सामान पर ज़कात फ़र्ज़ होगी?
और पढ़ो »ज़कात की रक़म से खाने पीने की चीज़ें ख़रीद कर ग़रीब को देना
सवाल – क्या ज़कात की रक़म से खाने पीने की चीज़ें ख़रीद कर ग़रीबों को खिलाना जाईज़ है? क्या माहे रमज़ान में ज़कात की रक़म से ग़रीबों को इफ़तार कराना जाईज़ है?
और पढ़ो »हदिया अथवा क़र्ज़ की सूरत में ज़कात देना
सवाल – अगर कोई आदमी किसी ग़रीब मुसलमान को कुछ पैसे हदये तथा क़र्ज़ के तौर पर दे दें और देते वक़्त वह ज़कात की निय्यत करे तो क्या इस तरह देने से उसकी ज़कात अदा हो जाएगी?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के जानवर की खाल बेचना
सवाल – क्या क़ुर्बानी के जानवर की खाल बेच कर उस की रक़म सदक़ा करना जाईज़ है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के जानवर की खाल
सवाल – क़ुर्बानी के जानवर की खाल का क्या हुक्म है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी का गोश्त ग़ैर मुस्लिमों को देना
सवाल – क्या क़ुर्बानी का गोश्त ग़ैर मुस्लिमों को देना जाईज़ है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के गोश्त की तक़सीम(वितरण)
सवाल – क़ुर्बानी के गोश्त के साथ क्या करना चाहिए?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के जानवर के ज़बह के वक़्त ज़बान से निय्यत करना
सवाल – क्या क़ुर्बानी के वक़्त ज़बान से निय्यत करना या कोई दुआ पढ़ना ज़रूरी है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के वक़्त हाज़िर रेहना
सवाल – एक शख़्स ने अपनी क़ुर्बानी का जानवर ज़बह करने के लिए किसी को नियुक्त (मुक़र्रर) कर दिया, तो क्या उस के लिए ज़बह करते वक़्त हाज़िर रेहना अफ़ज़ल है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी का जानवर अपने हाथ से ज़बह करना
सवाल – क़ुर्बानी का जानवर ख़ुद से ज़बह करना अफ़ज़ल है या किसी से ज़बह करवाना अफ़ज़ल है?
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