तफ़सीर

सुरए तकाषुर की तफ़सीर

بِسۡمِ اللّٰہِ الرَّحۡمٰنِ الرَّحِیۡمِ اَلۡہٰکُمُ  التَّکَاثُرُ ۙ﴿۱﴾ حَتّٰی زُرۡتُمُ  الۡمَقَابِرَ ؕ﴿۲﴾ کَلَّا  سَوۡفَ تَعۡلَمُوۡنَ ۙ﴿۳﴾ ثُمَّ  کَلَّا سَوۡفَ تَعۡلَمُوۡنَ ؕ﴿۴﴾ کَلَّا لَوۡ تَعۡلَمُوۡنَ عِلۡمَ  الۡیَقِیۡنِ ؕ﴿۵﴾ لَتَرَوُنَّ  الۡجَحِیۡمَ ۙ﴿۶﴾ ثُمَّ لَتَرَوُنَّہَا عَیۡنَ الۡیَقِیۡنِ ۙ﴿۷﴾ ثُمَّ لَتُسۡـَٔلُنَّ یَوۡمَئِذٍ عَنِ النَّعِیۡمِ ﴿۸﴾ ‎ एक दूसरे से ज़्यादा (दुनयवी साज़ो सामान) हासिल करने …

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सूरतुल बय्यिनह की तफ़सीर

जो लोग एहले किताब और मुशरिकों में से काफ़िर थे वह बाज़ आने वाले न थे, जब तक के उन के पास एक वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) न आती (१) (यअनी) अल्लाह का एक रसूल, जो पाक सहीफ़े पढ़ कर सुनाए (२) जिन में दुरूस्त मज़ामीन लिखे हों (३) और जो लोग एहले किताब थे वह इस वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) के आने के बाद ही मुख़तलिफ़ हुए (४)...

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सुरए अलक़ की तफ़सीर

(ए पयगंबर) आप (क़ुर्आन) अपने रब का नाम ले कर पढ़ा किजीए, जिस ने पैदा किया (१) जिस ने इन्सान को ख़ुन के लोठड़े से पैदा किया (२) आप क़ुर्आन पढ़ा किजीए और आप का रब बड़ा करीम है...

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सुरए अलम नशरह़ की तफ़सीर

क्या हम ने आप का सीना (ईल्म तथा हिल्म से) कुशादा नहीं कर दिया (१) और हम ने आप पर से आप का वह बोझ उतार दिया (२) जिस ने आप की क़मर तोड़ रखी थी (३) और हम ने आप के लिए आप का आवाज़ा(शोहरत) बुलंद किया (४)...

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सुरए द़ुहा की तफ़सीर

इस्लाम के शरूआत में जब के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) मक्का मुकर्रमा में थे चन्द दिनों तक अल्लाह तआला की तरफ़ से वही का सिलसिला मौक़ूफ़ हो गया(रूक गया), तो कुछ काफ़िरों ने आप(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को यह ताना देना शुरू कर दिया के...

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